हम है लडकी।
इस दुनिया का गहना।
जो हर एक को सजाये।
जो हर एक को मुस्कुराना सिखाये।
जो हर एक के पलको़ं पे छाये।
जो हर एक को अपना बनाये।
फिर क्यों ये दुनिया उसे ही राख बनाना चाहे।
जो ये उसकी सजावट को बिगाडे।
जो ये उसे रूलये।
जो ये उसे पलकों से गिराये।
जो ये उसे पराया बनाये।
हम है लडकी।
इस दुनिया का गहना।
जो है लक्ष्मी।
जो है सरस्वती।
फिर क्यों ये दुनिया उसे दु्गा बनाये।
अपना नाश कराये।
चलो हम एक ऐसा सिद्धांत बनाये।
जो गहने को राख बनाये।
उसे मार गिराये।
हम है लडकी।
इस दुनिया का गहना।
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